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How do electricity generator work?how to make a small electricity generator?

विद्युत जेनरेटर कैसे कार्य करता है, तथा प्रयोगात्मक एक छोटा जेनरेटर कैसे  बनाया जा सकता है। आइए जानते हैं। 

विद्युत जेनरेटर एक ऐसा उपकरण है, जो कि अन्य ऊर्जा स्रोतों से ऊर्जा लेकर विद्युत ऊर्जा मे परिवर्तित करता है।  

इसके  कार्य करने की क्रियाविधी-


दो या अधिक चुंबक या चुंबकीय क्षेत्र के मध्य में एक चालक 
कुंडली अथवा अधिक कुंडली की व्यवस्था को घूर्णित किया 
जाता है। जिसके कारण कुंडली के चारों ओर परिवर्तित चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है।परिणामस्वरूप कुंडली में विद्युत  धारा उत्पन्न होती है। कुंडली को घूर्णन गति देने के लिए अतिरिक्त व्यवस्था की जा सकती है, जैसे किसी इंजन में व्यवस्थित किया जा सकता है। 
जैसे की चित्र में दिखाई दे रहा है,  कि जेनरेटर दाएं भाग में  है, तथा बाएं भाग में इंजन के साथ घुर्णन की व्यवस्था की गई है। 

जेनरेटर का कार्यसिद्धांत - 

1.लेंज का नियम 
विद्युत चु. प्रेरण की घटना में प्रेरित धारा की दिशा ऐसी होती है कि वह उस कारण का विरोध करती है जिस कारण से उसकी उत्पत्ति हुई है।
2.  ऊर्जा संरक्षण का नियम
जब एक कुण्डली के नजदीक एक छड़ चुम्बक का एन (N) सिरा लाते है तो कुण्डली में प्रेरित धारा वामावृत दिशा में होने के कारण चुम्बक के नजदीक वाला सिरा एन (N) ध्रुव बनता है जो छड़ चुम्बक के लाने का विरूद्व करता है अतः छड़ चुम्बक को लाने में कार्य करना पड़ता है।  यह कार्य ही विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित हो जाता है यदि हम छड़ चुम्बक को कुण्डली से दूर ले जाये तो कुण्डली में धारा की दिशा दक्षिणवृत होने के कारण छड़ चुम्बक को दूर ले जाने का विरोध करेगी क्योंकि चुम्बक के नजदीक वाला सिरा एस (S) जो बनता है यही कारण है कि चुम्बक को दूर ले जाने में कार्य करना पडेगा। यह कार्य ही विद्युत ऊर्जा में रूपान्तरित होता है। अतः लेन्ज का नियम ऊर्जा संरक्षण के नियम पर आधारित है। 



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