आमतौर पर देखा जा सकता है कि, मन मे यही सवाल रहता है कि बिजली (विद्युत) कैसे बनती है। ईंधन को कैसे बिजली मे बदला जाता है।
ऊर्जा का रूप परिवर्तन
विद्युत भी ऊर्जा है, और ईंधन भी रासायनिक ऊर्जा का स्रोत है। यही रासायनिक ऊर्जा ही विद्युत ऊर्जा मे परिवर्तित की जाती है। जो कि एकाधिक रूप में की जाती है।
प्रथम चरण में रासायनिक ऊर्जा को गतिज या यांत्रिक ऊर्जा मे परिवर्तित किया जाता है। जिसके लिये आमतौर पर भाप के ईंजन प्रयोग किया जाता है।
चुंबकीय प्रभावो का कार्य
चुंबक के दोनों ध्रुवों को अनन्त चुंबकीय रेखाएं प्रवाहित होती है। जिनका प्रवाह क्षेत्र होता है, जिसकी तीव्रता ध्रुवो पर अधिक होती है।
फलक्स (चुंबकीय रेखाओं) में परिवर्तन का प्रभाव
जब चालक तारो की कुंडली के निकट परिवर्तित चुंबकीय क्षेत्र (फलक्स) आता है, अर्थात चुंबकीय रेखाओं की तीव्रता में निरन्तर कमी तथा तीव्रता का परिवर्तन किया जाता है। तो कुंडली में आवेश प्रेरित होते हैं, अथवा चुंबकीय रेखाओं की गति से प्रेरित आवेश गति करता है।
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लेंज का नियम
चालक कुंडली में इ एम एफ फलक्स में परिवर्तन पर निर्भर करेगा
सारांश
अंततः इसी तरह अल्टरनेटर मे प्रयोग करके रासायनिक ऊर्जा, यांत्रिक ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल प्रवाह ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा (बिजली) में बदला जाता है।
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